Description
पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सादगीः क्या आप जानते हैं कि मानव इतिहास के सबसे महान पुरूष पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का जीवनयापन किस तरह था? आपकी महान स्थिति और सर्वोच्च पद के बावजूद सादगी का यह हाल था कि कई दिनों तक चूल्हा ही नहीं जलता था।
पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सादगी
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साइट रसूलल्लाह
संशोधन व शुद्धिकरणः अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
2013 - 1434
بساطة الرسول محمد صلى الله عليه وسلم
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موقع نصرة رسول الله صلى الله عليه وسلم
مراجعة وتصحيح: عطاء الرحمن ضياء الله
2013 - 1434
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बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
मैं अति मेहरबान और दयालु अल्लाह के नाम से आरम्भ करता हूँ।
إن الحمد لله نحمده ونستعينه ونستغفره، ونعوذ بالله من شرور أنفسنا، وسيئات أعمالنا، من يهده الله فلا مضل له، ومن يضلل فلا هادي له، وبعد:
हर प्रकार की हम्द व सना (प्रशंसा और गुणगान) केवल अल्लाह के लिए योग्य है, हम उसी की प्रशंसा करते हैं, उसी से मदद मांगते और उसी से क्षमा याचना करते हैं, तथा हम अपने नफ्स की बुराई और अपने बुरे कामों से अल्लाह की पनाह में आते हैं, जिसे अल्लाह तआला हिदायत प्रदान कर दे उसे कोई पथभ्रष्ट (गुमराह) करने वाला नहीं, और जिसे गुमराह कर दे उसे कोई हिदायत देने वाला नहीं। हम्द व सना के बाद :
पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सादगी
पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक नेता के रूप में अपनी स्थिति के बावजूद, इस तरह व्यवहार नहीं किया जैसे कि आप दूसरों से बड़े या अच्छे हैं। आप ने कभी लोगों को छोटा, अवांछित या शर्मिंदा महसूस नहीं होने देया। आप ने अपने साथियों से आग्रह किया की वे कृपापूर्ण और विनम्रतापूर्वक जीवन जियें, उनसे जब भी हो सके दासों को रिहा करें, और किसी भी इनाम का इंतिजार किए बिना दान करते रहें, विशेष रूप से बहुत ही गरीब लोगों को और अनाथों को।
पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम स्वयं कभी लालची नहीं थे, आप बहुत कम और केवल साधारण खाना खाते थे। आप ने पेट भरकर खाना कभी नहीं पसंद किया। कभी- कभी, कई दिनों तक कच्चे भोजन के अलावा कुछ नहीं खाते थे। आप फर्श पर एक बहुत ही साधारण चटाई पर सोते थे और आपके घर में आराम या सजावट के साधनों में से लगभग कुछ भी नहीं था.
एक दिन, आपकी पत्नी हफ्सा रज़ियल्लाहु अन्हा ने, रात के समय आप को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए, - आपको बताए बिना - आपकी चटाई को डबल तह कर दिया ताकि वह नरम रहे। उस रात आप चैन से सो गए, लेकिन आप देर तक सोते रहे जिसकी वजह से आपकी सुबह की नमाज़ (प्रार्थना) छूट गई। आप बहुत परेशान हुए और फिर ऐसा कभी नहीं सोए !
सादा जीवन और संतोष पैगंबर के जीवन के महत्वपूर्ण शिक्षाओं में से थे : "जब आप एक ऐसे व्यक्ति को देखें जिसे आप की तुलना में अधिक धन और सौंद्रय दिया गया है, तो उन लोगों को देखें जिन्हें आप से कम दिया गया है." इस तरह की सोच, हमें वंचित महसूस करने के बजाय, अल्लाह का उसकी नेमतों पर शुक्र अदा करने पर तत्पर करेगी।
लोग आपकी पत्नी आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा से, जो कि आपके सबसे पहले और सब से वफादार साथी अबू बक्र रज़ियल्लाहु अन्हु की बेटी थीं, पूछा करते थे की पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम घर में कैसे रहते थे ? तो वह जवाब देती थीं किः "एक साधारण आदमी की तरह।'' ''आप घर की साफ-सफाई करते थे, अपने कपड़े सीते थे, अपने जूते ठीक करते थे, ऊँटों को पानी पिलाते थे, बकरी का दूध दूहते थे, नौकरों की उनके कामों में मदद करते थे, और उनके साथ मिलकर अपना भोजन करते थे, और बाज़ार से हमारी ज़रूरत की चीज़ें लाकर देते थे।"
आप के पास शायद ही कभी एक से अधिक जोड़े कपड़े होते थे, जिसे आप खुद से धोया करते थे। आप घर से प्यार करने वाले और शांतिप्रिय इंसान थे। वह कहा करते थे किः ''जब आप किसी घर में प्रवेश करें तो अल्लाह तआला से उसकी बरकत के लिए दुआ करें।''. आप दूसरों से मिलते समय ''अस्सलामो अलैकुम'' के द्वारा उसका अभिवादन करते थे, जिसका अर्थ होता है "तुम पर शांति हो" क्योंकि शांति पृथ्वी पर सबसे अद्भुत चीज़ है.
आप शिष्टाचार में दृढ़ विश्वास रखते थे, लोगों का अभिवादन बड़ी दयालुता से करते थे, और बड़ों का सम्मान करते थे। एक बार आप ने कहा : "मेरे निकट तुम में सब से प्यारा वह व्यक्ति है जिसके व्यवहार (शिष्टाचार) सबसे अच्छे हैं।"
आपके दर्ज सभी कार्यों और शब्दों से पता चलता है कि आप एक महान सज्जनता, दयालुता, विनम्रता, अच्छा हास्य और उत्कृष्ट सामान्य ज्ञान के आदमी थे, जो पशुओं के लिए और सभी लोगों के लिए और विशेष रूप से अपने परिवार के लिए महान प्यार रखते थे।
इन सबसे बढ़कर, आप एक ऐसे मनुष्य थे कि जो कुछ आपने उपदेश दिया उसका अभ्यास कर दिखाया. आपका जीवन, चाहे निजी हो या सार्वजनिक, आपके अनुयायियों के लिए एक आदर्श मॉडल था।